Sleep Smarter : 21 Essential Strategies


इंट्रोडक्शन(Introduction)

क्या आपको नींद ना आने की समस्या है ?क्या आपको बहुत मुश्किल से नींद आती है ? क्या आपकी नींद बीच-बीच में टूट जाती है ? अगर हां तो यह बुक आपके लिए है नींद हमारे जीवन का एक बहुत जरूरी हिस्सा है. यह बिल्कुल खाने और सांस लेने जितना जरूरी है फिर भी इस दौड़ती हुई जिंदगी में हम इस पर ध्यान ही नहीं देते. यह बुक आपको एक अच्छी और गहरी नींद से होने वाले फायदे के बारे में  सिखाएगी यह आपको बहुत से ऐसे टिप्स भी सिखाइए जिससे फॉलो करने से आपके सोने का रूटीन पहले से ज्यादा बेहतर हो जाएगा. अच्छी और पूरी नींद आपको अच्छी सेहत और ज्यादा खुशी देती है यह ज्यादा सफलता हासिल करने में मदद करती है.  और यह बिल्कुल सच है तो अब समय है कि आप चैन से गहरी नींद सो सके और मीठे सपने देख सके और मेरी  मानीय तो यह बुक आपके लिए एक लोरी का काम करेगी.


नो द वैल्यू ऑफ  स्लीप(Know the value of sleep)

आजकल लोग कम सोने लगे हैं वह अपनी नींद पूरी नहीं करते क्योंकि उन्हें पता  ही नहीं है कि यह हमारे लिए कितना जरूरी है. वह इसकी कीमत नहीं समझते नींद हमारे शरीर और मन को समय-समय पर आराम देने का  एक नेचुरल प्रोसेस है. हमारे दिमाग का वह हिस्सा जिसकी वजह से जब हम होश में होते हैं तो सब देख सुन सकते हैं समझ सकते हैं, उसे  कॉन्शियस माइंड आ जाता है नींद उस प्रोसेस को कहते हैं जब हमारी आंखें बंद हो जाती हैं. और कॉन्शियस माइंड आराम कर रहा होता है. इसलिए सोते समय शरीर से ज्यादा हलचल नहीं होती और आसपास की चीजों की तरफ हम  रिएक्ट नहीं करते.


हमारे शरीर में दो तरह के  प्रोसेस होते हैं पहला अनाबॉलिक(anabolic) जो ऑर्गन टिशू को बढ़ाने का काम करता है. और इस प्रोसेस में नए सेल्स भी बनते हैं दूसरा है कैटाबॉलिक(catabolic) जो कंपाउंड्स और मॉलिक्यूल को ब्रेक करके एनर्जी बनाने का काम करता है. इसलिए नींद अनाबॉलिक प्रोसेस है जहां हमारे शरीर खुद को रिपेयर या ठीक करने की कोशिश करता है. जगे रहना कैटाबॉलिक प्रोसेस है जहां हमारी एनर्जी काम करने से यूज हो जाती है. नींद आपकी बॉडी को आराम देकर फिर से तरोताजा कर देता है उसमें नई एनर्जी भर देता है.




 एक अच्छी और पूरी नींद आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाती है. आप के मेटाबॉलिज्म को और बेहतर बनाती है जिसकी वजह से आपने ज्यादा एनर्जी होती है. रात को अच्छी नींद आने से आपका दिन बहुत शांत महसूस करता है आपके बॉडी  मैं  हार्मोन का लेवल भी बैलेंस में रहता है. अगर आप एक स्वस्थ  शरीर और दिमाग चाहते हैं. तो यह सब आपको गहरी नींद के बिना कभी नहीं मिल सकता.


आज हम जिस दुनिया में रह रहे हैं नींद के बारे में तो हम जैसे बिल्कुल भूल ही चुके हैं बस सब यही मान के बैठे हैं. कि जितना ज्यादा काम और मेहनत करेंगे उतनी ज्यादा सफलता मिलेगी अब तो जैसे यह सोच ही हो गई है कि मरने के बाद ही कोई चैन की नींद सो सकता है.



यह बिल्कुल सच है कि सफलता पाने के लिए मेहनत करना और लगातार अपने काम में लगे रहना बहुत जरूरी है लेकिन अगर ठंडे दिमाग से काम लिया जाए और काम भी जल्दी पूरा हो जाएगा अब बताइए यह बुद्धिमानी नहीं है क्या सोचिए अगर आप नींद पूरी नहीं करेंगे तो क्या आपका काम खराब नहीं होगा यह सच में यह पता चला है कि अगर आप एक पूरा दिन नींद किए बिना काम करते हैं. तो आप के ब्रेन में 6% कम ग्लूकोस होता है. जिसके कारण हमारा दिमाग बहुत थक जाता है क्योंकि उसे तो उसका पूरा खाना मिला ही नहीं धीरे-धीरे यह आपके दिमाग को कमजोर कर देता है ऐसा ही चलता रहा तो 1 दिन ऐसा आएगा कि आपको बातें ठीक से समझ में आना बंद हो जाएंगी.

यही कारण है कि जब आप नींद पूरी नहीं करते तो आपको ज्यादा मीठा खाने की इच्छा होती है इसलिए आपका मन डोनट ,कुकीज और चॉकलेट खाने का करता है क्योंकि ब्रेन यह सिग्नल दे रहा है कि उसे शुगर की जरूरत है.

एक और मजे की बात सुने जब आप कब सोते हैं तो हमारे फ्रेंड कार्यों इसका हमें सोचने समझने में मदद करता है सबसे ज्यादा उसी हिस्से को नुकसान पहुंचता है हमारे ब्रेन के आगे का सबसे जरूरी हिस्सा जिसे प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स(prefrontal cortex) कहां जाता है हमारे ब्रेन मैं ज्यादातर काम यही हिस्सा करता है पेरिएटल लोब(parietal lobe) हमारे ब्रेन का पीछे का हिस्सा होता है और नींद पूरी ना होने से इन दोनों हिस्सों में 14% ग्लूकोस कम पहुंचता है. इसलिए आधी रात के बाद लोग बेवकूफ हो जैसा व्यवहार करते हैं क्या यह आपके साथ कभी हुआ है कम सोने की वजह से आपका दिमाग थक जाता है. सही और गलत के बीच फर्क नहीं कर पाता और इसलिए सही फैसले नहीं ले पाता है इसलिए सुबह जब आपका माइंड आराम करके फ्रेश होता है तब आप वह बेवकूफ या नहीं करते हैं.

जैसा कि हमने ऊपर पड़ा कि नींद एक नेचुरल प्रोसेस है. जो शरीर को आराम देने के लिए बनाया गया है तो यह मत सोचिए कि आपकी वजह से आपको काम बीच में बंद करना पड़ता है. आपके शरीर और दिमाग के लिए नींद बहुत जरूरी है इस दौरान बॉडी के अंदर बहुत से नेचुरल प्रोसेस अपना काम करते हैं नींद पूरी ना होने से आप ठीक से काम कर ही नहीं पाएंगे. आप कोशिश करते रहेंगे पर गलतियां भी उतनी ही बढ़ जाएंगी. जिससे काम खत्म होने में और ज्यादा समय लगेगा रिसर्च में पता चला कि जो लोग कम नींद लेते हैं. उन्हें अपना काम खत्म करने में 14% ज्यादा समय लगता है. और वह 20% ज्यादा गलतियां करते हैं.


नींद पूरी करने के लिए समय निकालना सीखिए तब आपको समझ में आएगा कि आपकी गलतियां कितनी कम हो गई है. और इसकी वजह से आप इतनी ज्यादा सफलता हासिल कर सकते हैं. जब आपका दिमाग थका हुआ हो तो आपका काम कभी ठीक नहीं हो सकता तो यहां नींद के लिए एक पावर टिप्स नहीं है. अगर आपको किसी बड़े प्रोजेक्ट या एग्जाम के लिए  तैयारी करनी है तो अपने कैलेंडर में उस तारीख को नोट कर लीजिए और उसके हिसाब से समय को इस तरह  डिवाइड कीजिए की आपके पास नींद पूरी करने का समय भी हो याद रखी है यह समय की बर्बादी नहीं है यह आपके दिमाग को तेज रखने का बस एक तरीका है. यह आपके प्रोजेक्ट या एग्जाम की तैयारी का एक अहम हिस्सा है.

गेट मोर सनलाइट ड्यूरिंग द डे(Get More Sunlight During the Day)

क्या आपने  सिरकाडियन टाइमिंग सिस्टम(circadian timing system) के बारे में सुना है आसान शब्दों में यह हमारे बॉडी का नेचुरल क्लॉक है जो 24 घंटे काम करता है| अगर आपके शरीर को दिन में सही मात्रा में धूप मिलती है तो उसे पता चल जाता है कि कब सोना है धूप मिलने से नींद बहुत अच्छी और गहरी आती है.

यह घड़ी हमारे प्रेम के हाइपोथैलेमस ग्लैंड में होती है नसों का एक ग्रुप है जो धूप को पहचान सकता है और महसूस कर सकता है जिससे आपके शरीर को पता चल जाता है कि उसे कब सोना है धूप में जाने से हाइपोथैलेमस  पूरी बॉडी को सिग्नल देता है कि अभी उसे जगे रहना है और काम करना है अगर आपको दिन में ठीक से धूप ना मिले या आप रात को ज्यादा रोशनी में रहते हैं तो यह  कंफ्यूज हो जाता है तब नींद आने में बहुत दिक्कत होती है
लेकिन अगर आप काम एक जगह ऑफिस के अंदर बैठकर करते हैं तो आप क्या करेंगे रिसर्च से यह पता चला है कि ऑफिस में काम करने वाले लोगों को ठीक से धूप नहीं मिलने की वजह से आम तौर पर उन्हें 1 घंटे कम नींद आती है इसलिए उनके बीमार पड़ने का खतरा बढ़ जाता है उनमें कम एनर्जी होती है और नींद आने में समस्या होने लगती है

अगर आप भी ऑफिस में एक जगह बैठ कर काम करते हैं तो कोई ना कोई तरीका सोचिए जिससे आप को ठीक से धूप मिल सके यह आपको ज्यादा खुश मिजाज बनाएगी और आप कम गलतियां करके ज्यादा काम कर पाएंगे तो यहां धूप  सीखने का एक पावर टिप यह है. कि सुबह ऑफिस जाने से पहले से  6:00 से 8:00 के बीच धूप में सैर कीजिए या बैठ जाइए इस समय की धूप शरीर को बहुत फायदा पहुंचाती है क्योंकि सुबह की धूप में ज्यादा गर्मी नहीं होती सुबह 30 मिनट कि नहीं धूप भी शरीर के लिए काफी होती है.

तो टिप नंबर 2 है कि अगर ऑफिस में आप जहां बैठते हैं वहां धूप नहीं आती तो ब्रेक के समय ऑफिस से बाहर निकलकर धूप का आनंद लीजिए या आप किसी खिड़की के पास जा सकते हैं या अपना लंच बाहर कर सकते हैं यह 15 मिनट की धूप भी आप के शरीर को बहुत सारे नुकसानओं से बचाएगी आपकी स्किन पहले से अच्छी होगी और हार्मोन भी बेहतर काम करने लगेंगे.

अवॉइड स्क्रीन बिफोर बेडटाइम(Avoid screen before Bedtime)

अब हम बात करेंगे आपकी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट से निकलने वाली आर्टिफिशियल ब्लू लाइट के बारे में क्या आप जानते हैं. कि यह लाइट आपकी बॉडी पर कितना खराब असर डालता है इसकी वजह सेक्रेटरी के सोल हारमोन ज्यादा बनने लगता है. जब हम तनाव में होते हैं तो कोर्टिसोल हमें उसे झेलने में मदद करता है. लेकिन अगर यह ज्यादा हो गया तो नींद भी खराब कर देता है.

रिसर्च करने से यह पता चला कि अगर 2 घंटे आईपैड को ज्यादा  ब्राइटनेस के साथ इस्तेमाल किया जाए तो रात को हमारे शरीर में बनने वाला हार्मोन मेलाटोनिन कम बनने लगता है. मेलाटोनिन वह हार्मोन है जो हमें यंग और एक्टिव रखता है बच्चों के शरीर में यह ज्यादा बनता है बड़ों में थोड़ा कम हो जाता है इसलिए अगर आप नींद पूरी करते हैं तो जितना मेलाटोनिन  जरूरी है उतना हमारे शरीर में बनेगा ही जिसकी वजह से आप अपनी उम्र से छोटे लगेंगे और तेज और भी रहेंगे।

हार्मोन लेवल बिगाड़ने के अलावा आपके स्मार्टफोन टीवी और लैपटॉप से निकलने वाली ब्लू लाइट आपकी बॉडी के नेचुरल क्लॉक को भी खराब कर देती है. अगर आप हर रोज सोने से पहले इन गैजेट्स का इस्तेमाल करते हैं. तो इस समय के साथ आपको ना आने की बीमारी और दूसरी बीमारियां भी हो सकती हैं. आज की मॉडर्न टेक्नोलॉजी सच में कमाल की है लेकिन हमें अपने शरीर को आराम देने की बात पर अब ज्यादा ध्यान देना होगा। इससे खुद को बचाने का एक पावरटेक यह है कि सोने से 90 मिनट पहले सारे गैजेट्स को यूज करना बंद कर दीजिए खासकर वह लोग जिन्हें नींद आने में दिक्कत होती है उन्हें तो यह टिप जरूर ट्राई करना चाहिए।


दूसरा टिप है कि गैजेट्स के इस्तेमाल के अलावा कुछ और करने की आदत डाली है जैसे बुक्स पढ़ना या किसी अपने से बात करना हां आप अपने स्मार्टफोन के बिना नहीं रह सकते लेकिन बुक्स पढ़ना एक बहुत कमाल की आदत है बुक्स हमें जानकारी देती हैं. हमारी नॉलेज बढ़ाती हैं. हमे कई अच्छी कहानियां पढ़ने को मिलती हैं और उनमें से कुछ हमें इंस्पायरर भी करती हैं कभी-कभी हमें ऐसे विचारों के बारे में पढ़ने को मिलता है. जिन्हें सुनकर हम और बेहतर इंसान बन जाते हैं तो अब समझे यूं ही नहीं कहते कि बुक हमारी सबसे अच्छी दोस्त होती हैं.

किसी अपने के साथ बैठकर बात करने का मुकाबला तो कुछ भी नहीं कर सकता सोने से पहले अपने बच्चों अपने पेरेंट्स अपने पति या पत्नी या अपने पार्टनर से जरूर बातें करें उन से पूछिए कि उनका दिन कैसा बीता उन्हें क्या खुश करता है वह किसी बात से परेशान तो नहीं। है ना आपके ऐसा करने से वह भी आपसे यह सब पूछेंगे जिससे आपको बहुत अच्छा और हल्का महसूस होगा इससे सिर्फ आपकी नींद अच्छी नहीं होगी बल्कि आपके रिश्तो में भी पहले से ज्यादा मिठास होगी।

हैव अ कैफ़ीन कर्फ्यू(Have a Caffeine Curfew)

कैफीन कर्फ्यू आपके नर्वस सिस्टम को बहुत एक्टिव कर देता है. ऐसा लगता है. जैसे कि अंदर क्रिसमस ट्री सजी हो जिस पर बहुत सारे बल्ब लगे हैं. और उसमें से रोशनी ही रोशनी निकल रही है इसलिए आपको सोने से पहले कॉफी बिल्कुल नहीं पीना चाहिए।

आपको कॉफी पर कर्फ्यू लगाने की आदत डालनी होगी मतलब आखरी बार कॉफी आप सोने से 6 घंटे पहले पी सकते हैं बस उसके बाद नहीं।



वायने स्टेट यूनिवर्सिटी(Wayne State University) में किए गए एक स्टडी ने साबित किया है इस स्टडी में लोगों के तीन ग्रुप बनाए गए एक ग्रुप को सोने से ठीक पहले कॉफी पीना था एक को सोने से 3 घंटे पहले और एक को सोने  से 6 घंटे पहले उन्हें एक डायरी में अपने नींद आने का समय नोट करने के लिए कहा गया.

इसका रिजल्ट यह था कि तीनों ग्रुप के लोगों को नींद आने में दिक्कत हुई सोने से ठीक पहले कॉफी पीने वालों का हाल सबसे बुरा था इसमें यह भी पता चला कि काम खत्म हो जाने के बाद भी कॉफी नहीं पीना चाहिए 6 घंटे पहले कॉफी पीने वालों की नींद पहले से 1 घंटे कम हो गई थी.

क्या आप जानते हैं कि कॉफी पीने के बाद कैफीन आपके शरीर में 8 घंटे तक रहता है चलिए मान लेते हैं आपने 200 mg कॉफी पी 8 घंटों के बाद भी आपके शरीर में 100 mg कॉफी होती है उसके 8 घंटे बाद 50 mg होगी अगर सच में आपको कॉफी बहुत पसंद है तब तो आप रोज एक सबसे ज्यादा ही पीते होंगे तो अब आपको समझ में आ रहा होगा कि आपको नींद आने में कितनी मुश्किल होने वाली है.

पूरे दिन काम करने से हमारा ब्रेन थक जाता है और एक केमिकल जिसका नाम एडिनोसिन(adenosine) है वह बनाता है। इस केमिकल की वजह से हम थकान महसूस करते हैं. अगर इसका लेवल ज्यादा हो जाता है. तो यह बॉडी का सिग्नल है कि अब हमें सोने की जरूरत है.


अब अगर आप कॉफी पी लेते हैं तो  कैफ़ीन नींद नहीं आने देता जबकि  एडिनोसिन की वजह से थकान होती है पर कैफीन की वजह से आपको समझ में नहीं आता आपको सोने की जरूरत है आप बस काम करते चले जाते हैं और इससे स्ट्रेस लेवल बढ़ जाता जिसकी वजह से आपका शरीर खराब होने लगता है. कैफीन से बचने के लिए पावर टिप नंबर 1 है कि दिन में 2:00 बजे तक ही आप कॉफी पी सकते हैं एक नंबर 2 - हफ्ते में 3 दिन बिल्कुल कॉपी मत पीजिए ऐसा करने से आपकी बॉडी में जमा  कैफ़ीन निकल जाएगा अगर आपको नींद ना आने की बीमारी है तो आपको कॉफी बिल्कुल नहीं पीनी चाहिए।

बी कूल (Be Cool)

क्या आपने देखा है कि ज्यादा गर्मी लगने पर हमें नींद नहीं आती है ना गर्मी के मौसम में बेड पर कभी इस तरफ तो कभी उस तरफ आप भी मुड़ते ही होंगे सोने के समय अपने आप हमारे शरीर का टेंपरेचर नीचे आ जाता है ऐसा इसलिए होता है. कि नींद आने के लिए शरीर में गर्मी कम होनी चाहिए लेकिन जिस कमरे में आप सो रहे हैं अगर वह गर्म हुआ तो भी आपको नींद नहीं आएगी.

एक्सपर्ट्स का मानना है कि सोने के लिए रूम का टेंपरेचर 68 डिग्री फारेनहाइट(fahrenheit) सबसे सटीक होता है अगर टेंपरेचर इससे ज्यादा हुआ तो आप सो नहीं पाएंगे एक्सपर्ट यह भी कहते हैं कि जिन लोगों को नींद ना आने की बीमारी होती है उनके शरीर का टेंपरेचर ज्यादा बढ़ा हुआ होता है जिसकी वजह से उन्हें नींद नहीं आती.

आप सोच रहे होंगे कि इसे कैसे बदला जा सकता है. अच्छी नींद के लिए कैसे टेंपरेचर सही डिग्री पर रखा जाए तो इसके लिए टिप्स नंबर 1 है अपने कमरे का टेंपरेचर 68 डिग्री करने की कोशिश कीजिए अगर फिर भी आपको नींद नहीं आती तो टिप नंबर 2 है सोने से 1 घंटे पहले हल्के गर्म पानी से नहा लीजिए इससे आपके बॉडी का टेंपरेचर नीचे आ जाएगा जिन बच्चों में बहुत ज्यादा एनर्जी होती है उनके पेरेंट्स इस ट्रिक के बारे में बहुत अच्छे से जानते हैं.

टिप नंबर 3 है सॉक्स मोजे पहनकर सोना चाहिए अगर आपका कमरा ज्यादा ठंडा है तो आपके हाथ और पैर की उंगलियां आपके शरीर के मुकाबले ज्यादा ठंडी होगी ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वहां ब्लड सबसे लास्ट में पहुंचता है इसलिए अगर आप सॉक्स पहन कर सोएंगे तो आपकी उंगलियां गर्म हो जाएंगी इससे आपको ज्यादा आराम मिलेगा और अच्छी  नींद आएगी।

गेट टू बेड  एट द राइट टाइम(Get to Bed at the Right Time)

स्टॉक मार्केट के बिजनेस में स्टॉक खरीदने और बेचने का एक सही समय होता है वैसे ही इतनी देर हम सोते हैं उसमें से कुछ समय ऐसा होता है जब शरीर में जरूरी हारमोन बनते हैं यह समय होता है रात 10:00 से 2:00 बजे तक और ऑथर इसे "मनी टाइम" कहते हैं.

 एग्जांपल के लिए अगर आप रात को 1:00 बजे  सोने जाते हैं और सुबह 9:00 बजे उठते हैं तो आप कहिए कि हमने 8 घंटे की नींद पूरी कर ली पर आप यह नहीं समझते कि आपने वह मनी टाइम मिस कर दिया जिसमें जरूरी हार्मोनस बनते हैं.

कुछ हार्मोन जो आपको पूरे नहीं मिलते वह मेलाटोनिन और ग्रोथ हार्मोन है. यह हमारे शरीर को यंग और एक्टिव रखने में मदद करते हैं. इसलिए 8 घंटे की नींद के बावजूद भी आप थकान महसूस करते हैं

हमारे बॉडी क्लॉक में ऐसा समय भी होता है जिसे सेकंड विंड कहां जाता है सेकंड विंड में वह समय होता है जब हमारे शरीर में कुछ केमिकल्स बनते हैं जिसकी वजह से कुछ समय के लिए हमारी नींद उड़ जाती है एग्जांपल के लिए आप काम करके शाम 7:00 बजे आते हैं आप बहुत थका हुआ महसूस करते हैं खाना खा कर आप परिवार के साथ टीवी देखने बैठ जाते हैं अब अगर 10:00 बजे के बाद भी आप जगे रहते हैं तो आप सेकंड विंड महसूस करेंगे ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपका शरीर मेलाटोनिन और एंटीऑक्सीडेंट्स बनाने लगता है जिसकी वजह से आप फ्रेश और एनर्जी टिक महसूस करते हैं.


अब आप सोने की बजाय इस एक्स्ट्रा एनर्जी को फेसबुक, ट्विटर और नेटफ्लिक्स देखने में लगा देते हैं इसके बाद तो आपको नींद बहुत मुश्किल से आएगी जब तक सेकंड मैन शुरू होता है. तब तक तो आपको सो जाना चाहिए लेकिन अगर आप सोने की बजाय गैजेट्स यूज करेंगे और 1:00 बजे सोएंगे तो कितना भी सो लीजिए आप सुबह थका हुआ ही महसूस करेंगे क्योंकि आपको उस मनी टाइम का फायदा तो हुआ ही नहीं।

तो इसके लिए टिप्स नंबर 1 है कोशिश कीजिए कि आप रात 10:00 बजे सोकर सुबह 5:30 तक उठ जाए इससे आपको रात को बनने वाले हार्मोन से फायदा मिलेगा और नींद की यह साइकिल पूरी हो जाएगी नींद के तीन स्टेज होते हैं पहला डीप स्लीप मतलब गहरी नींद दूसरा  नॉन   रेम  या अलर्ट स्केज जिसमें मेटाबॉलिक सिस्टम सांस लेने की स्पीड और हार्ट रेट धीरे हो जाता है इस स्टेज पर सपने नहीं आते तीसरे स्टेज है रेम स्टेज या ड्रीमिंग स्टेज जिसमें हमें सपने आते हैं हर स्टेज  90 मिनट का होता है और हमारी नींद के दौरान यह साइकिल दो बार रिपीट होती है अगर आप का अलार्म आपको सुबह 5:30 बजे जगाता है. तो आप दो स्लीप साइकिल पूरे कर लेते हैं किसी भी स्टेज में कोई बाधा नहीं होती और आप सुबह तरोताजा महसूस करते हैं टिप नंबर 2 है जितनी जल्दी हो सके सुबह की धूप का फायदा उठाइए धूप आपकी स्किन में कॉर्टिसोल लेवल को बढ़ा देता है जिससे आप पूरी तरह से जाग जाते हैं और आपने पूरा दिन काम करने की   तेजी भी आ जाती है.

क्रिएट अ स्लीप सैंक्चुअरी(Create a Sleep Sanctuary)

आपका बेडरूम आराम करने और सोने के लिए होता है इसलिए अपने गैजेट्स लाकर इसे एंटरटेनमेंट एरिया मत बनाइए अपना ऑफिस का काम भी बेडरूम में मत कीजिए यह सब एक अच्छी नींद में बाधा डालते हैं. हम बच्चों को यह सिखाते हैं कि बेडरूम में जाने का मतलब होता है कि सोने का समय हो गया है. हम उन्हें ब्रश करने और आरामदायक कपड़े जैसे नाइट सूट का पजामा पहनने के लिए कहते हैं यही बात हमें खुद को याद दिलाने की जरूरत है की बेडरूम सिर्फ आराम करने के लिए होता है. काम करने पढ़ने या खेलने के लिए नहीं।


जब एक सैंक्चुअरी(sanctuary) का नाम सुनते हैं तो हमारे दिमाग में क्या आता है एक गार्डन या खुली जगह है जहां ताजा हवा है पेड़ पौधे लगे हुए हैं. ऐसी जगह जहां बहुत शांति है सबसे अच्छी बात तो यह है कि आप अपने बेडरूम को बिल्कुल ऐसा बना सकते हैं सबसे पहले तो बेडरूम में ताजा हवा का सरकुलेशन होना बहुत जरूरी है इससे सिर्फ आपको ऑक्सीजन नहीं मिलता हूं बल्कि ऐसे आयन पार्टिकल्स में मिलते हैं जो शरीर के लिए बहुत अच्छे होते हैं इसके लिए आप खिड़कियों को खोल सकते हैं या फैन का इस्तेमाल कर सकते हैं ताजी और ठंडी हवा में शरीर बहुत हल्का महसूस करता है। 

अब बात करते हैं नेगेटिव आयन पार्टिकल्स के बारे में यह अच्छे पार्टिकल्स होते हैं जो पहाड़ों समुद्र नदियों और झरनों के पास ज्यादा होते हैं इनमें शरीर को आराम पहुंचाने और बीमारियों के ठीक करने की ताकत होती है. क्योंकि यह हवा में से डस्ट गंदगी बदबू बैक्टीरिया और वायरस को मिटाने का काम करते हैं आप एयर आयोनाइज़र खरीद कर रूम में रख सकते हैं.

अगर आपके रूम में खिड़की नहीं है तो  आप ही  ह्यूमिडि फायर लगा सकते हैं इसका काम होता है रूम में ह्यूमिडिटी मतलब नमी को बना कर रखना ताकि आपकी स्किन ज्यादा ड्राई ना हो जाए आप इसमें अपनी पसंद की खुशबू का इस्तेमाल कर सकते हैं. हवा में नमी और खुशबू से आपको बेहतर नींद आएगी।

कुछ लोगों को बहते हुए पानी की आवाज बहुत सुकून देती है तो आप एक छोटा फाउंटेन या वाटरफॉल अपने कमरे में लगा सकते हैं आप घरों में लगाने वाले पौधे जैसे इंग्लिश आईवी स्नेक  प्लांट या जैस्मिन लगा सकते हैं इन्हें ज्यादा संभालने की जरूरत नहीं पड़ती ना इनमें ज्यादा खर्चा होता है मगर यह आपके रूम में हवा की क्वालिटी को बहुत अच्छा कर देते हैं आप इनमें से कुछ भी इस्तेमाल कर सकते हैं यह आपकी मर्जी है ज्यादा जरूरी है कि आपका कमरा ऐसा हो जाए जहां आपको शांति और आराम महसूस हो। 


गेट इट ब्लैक्ड आउट(Get it Blacked Out)

एक सच यह भी है कि लाइट बंद करके सोने से नींद ज्यादा अच्छी आती है और इसका कारण है कि आपकी स्किन लाइट को पहचान लेती है.  इसलिए अगर आप आंखों को ढककर भी सोते हैं तब भी आपको लाइट की वजह से नींद नहीं आएगी आंखों में रेटिना की तरह हमारी स्किन में भी फोटोस रिसेप्टर और लाइट सेंसेटिव केमिकल होता है जो लाइट को महसूस कर सकता है.

इसलिए सोते समय कमरे में कम रोशनी होनी चाहिए पुराने समय के लोगों के बारे में सोचिए उनके पास यह बल और ट्यूबलाइट नहीं होते थे. इसलिए उनके शरीर का क्लॉक बिल्कुल नेचर के हिसाब से काम करता था. वह समझ जाते थे. कि जब सूरज उगता है तो उठने और काम करने का समय हो जाता है. और उसके डालने पर आराम और नींद का समय होता है.


 मगर आज इस मॉडर्न समय में हर जगह इंसानों द्वारा बनाई गई आर्टिफिशियल लाइट है जिसकी वजह से जितनी नींद हमें लेनी चाहिए उतनी हम लेते नहीं हैं. तो इसका उपाय यह है कि सोने के समय बेडरूम में बिल्कुल लाइट नहीं होनी चाहिए आप कमरे में पर्दे भी लगा सकते हैं ताकि स्ट्रीट  लाइट या गाड़ी की लाइट से आपकी नींद खराब ना हो सोचिए आपको कितनी अच्छी और चैन की नींद आई थी. अगर आपके कमरे में अंधेरा होगा शांति होगी और कमरा हल्का सा ठंडा होगा तो ऐसा लगेगा जैसे आप छुट्टियां मनाने आए हैं और होटल के कमरे में शांति से सो रहे हैं. आप देखिएगा आप सुबह कितना हल्का हो तरोताजा महसूस करेंगे।


तो इसके लिए टिप नंबर 1 है आपके अलार्म घड़ी में भी रोशनी निकलती है. तो उसे आप टॉवल से ढक सकते हैं टिप नंबर 2 अपने कमरे में बिल्कुल रोशनी मत आने दीजिए चेक कीजिए कि पर्दे ठीक से लगे हैं या नहीं कोशिश कीजिए कि सुबह सूरज उगने के बाद भी आपके कमरे में रोशनी कम हो.

ट्रेन हार्ड बट स्मार्ट(Train Hard But Smart)

नींद और एक्सरसाइज का एक दूसरे से गहरा रिश्ता है मानव दोनों साथ साथ चलते हैं वह बिल्कुल पीनट बटर और जेली की जोड़ी की तरह है जब आप एक्सरसाइज करते हैं तो आपके मसल्स थक जाते हैं देखा जाए तो जो बदलाव आप अपने शरीर में चाहते हैं वह आपके नींद में भी बदलाव करता है. थकान की वजह से आपको उन सब चीजों का फायदा होता है. जो सिर्फ नींद आने के बाद ही होती है जैसे गहरी नींद में हमारे शरीर में बनने वाले हारमोंस और शरीर का खुद को रिपेयर करने का काम.

एक्सरसाइज करने का सबसे अच्छा समय होता है सुबह-सुबह इसी की वजह से आपको बहुत अच्छी नींद आएगी शाम को एक्सरसाइज करना ज्यादा फायदेमंद नहीं होता क्योंकि यह दिन भर काम करके थक के मसल्स को और भी ज्यादा थका देता है एक्सरसाइज करने के 6 घंटे बाद जाकर आपके शरीर का टेंपरेचर कम होता है जो आपकी नींद डिस्टर्ब कर सकता है.

बस 30 मिनट कुछ बेसिक से एक्सरसाइज जैसे पुशअप ,सीट-अप और लेंजिस करना भी काफी होता है एक्सरसाइज के वक्त अगर आपको धूप भी मिल जाए तो बहुत बढ़िया होता है इससे आपके शरीर और दिमाग दोनों को बहुत सारे फायदे होते हैं.


कंक्लुजन(Conclusion)

तो आपने सीखा कि नींद हमारे लिए कितना जरूरी है आपने बहुत सारे ऐसे टिप्स के बारे में जाना जो आपको एक अच्छी और गहरी नींद सोने में मदद कर सकते हैं अगर आपको नींद आने में दिक्कत होती है तो मैं आशा करता हूं कि आप  इस के टिप्स का इस्तेमाल करके अपने जीवन में बदलाव लाएंगे नींद का मतलब सिर्फ सोना नहीं होता है अगर आप ठीक से नींद पूरी  करते हैं तो सुबह कम गलतियां करके जल्दी अपना काम खत्म कर पाएंगे आप  ज्यादा स्वस्थ और खुश होंगे इस  तरह की  थकान दूर करने वाली भरपूर नींद आपको सफलता के और पास ले जाएगी पर यह तो तब होगा जब आप इसके बारे में गहराई से सोच कर  इसे बदलने की कोशिश करेंगे.

 आखिर में हमें सोचने की जरूरत है कि हमें अपनी गैजेट्स से इतना लगाव है कि हम उसे समय-समय पर चार्ज करते रहते हैं काम पूरा हो जाए पर बंद कर देते हैं पर इस शरीर का क्या यह जो गैजेट्स आपको मिला है क्या उसे आराम देने की और चार्ज करने की जरूरत नहीं है इसे चार्ज करने के लिए आपके पास समय क्यों नहीं है इस बारे में सोचिए गा जरूर.



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